इस लेख में हम राजस्थान के वन्य जीव अभयारण्य से संबंधित उन सभी महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में पढ़ेंगे जो आगे आने वाली परिक्षाओं की द्रष्टि से हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है तो चलिए शुरू करते हैं।
- राजस्थान के राष्ट्रीय उद्यान
- राजस्थान में कुल 27 वन्य जीव अभयारण्य हैं।
- राजस्थान में 5 राष्ट्रीय उद्यान हैं - रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान, मुकुंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान, राष्ट्रीय मरू उद्यान, सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान, केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान।
- राजस्थान में पांच टाइगर रिजर्व है - सरिस्का टाइगर रिजर्व, रणथंभौर टाइगर रिजर्व, मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व, रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व, धोलपुर करौली टाइगर रिजर्व।
- रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान
- स्थित - सवाई माधोपुर में
- वन्य जीव अभ्यारण का दर्जा - 1955 में
- राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा - 1 नवंबर 1980 को
- बाघ परियोजना में शामिल - 1 अप्रैल 1974 को
- प्रसिद्ध - बाघ, तेंदुआ, अर्जुन घास, पांच शाही
- बाघ परियोजना में शामिल राजस्थान का प्रथम अभयारण्य।
- ए लैंड ऑफ़ टाइगर भी कहलाता है।
- क्षेत्रफल - 282 किमी
- सरिस्का वन्य जीव अभयारण्य
- स्थित - अलवर में
- वन्य जीव अभयारण्य का दर्जा - 1956 में
- बाघ परियोजना में शामिल - 1978 में
- प्रसिद्ध - हरे कबुतर, कदम्ब वृक्ष की अधिकता, मोर की अधिकता, सिलीसेढ़ झील।
- मुकुंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान
- स्थित - कोटा झालावाड़ में
- राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा - 9 जनवरी 2012
- बाघ परियोजना में शामिल - 2013 में
- गागरोनी / हीरामनी तोतों के लिए प्रसिद्ध।
- शिकार करने का स्थल औदिया स्थित है।
- केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान ( घना पक्षी विहार)
- स्थित - भरतपुर में
- वन्य जीव अभयारण्य का दर्जा - 1956 में
- राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा - 27 अगस्त 1981
- 1985 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल में शामिल।
- साइबेरियन सारस के लिए प्रसिद्ध।
- यहां अजान बांध स्थित है।
- पक्षियों की सबसे बड़ी शरण स्थली तथा पक्षियों की स्वर्ग भूमि भी कहते हैं।
- रामगढ़ विषधारी वन्य जीव अभयारण्य
- स्थित - बूंदी में
- राष्ट्रीय मरू उद्यान
- स्थित - जैसलमेर बाड़मेर में
- यहां आकल वुड फॉसिल पार्क (जैसलमेर) स्थित है।
- यहां पर जुरेसिक काल के लकड़ी के जीवाश्म है।
- गोडावण की सबसे बड़ी शरण स्थली है।
- सीता माता वन्य जीव अभयारण्य
- स्थित - प्रतापगढ़ चित्तौड़गढ़ में
- उडन गिलहरियों के लिए प्रसिद्ध।
- हिमालय के बाद भारत में सर्वाधिक जड़ी बूटियां से सम्पन्न।
- चीतल की मातृभूमि कहलाता है।
- ताल छापर अभयारण्य
- स्थित - चुरु में
- चिंकारा की सबसे बड़ी शरण स्थली।
- मोचिया साइप्रस रोटडंस घास मिलती हैं।
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