राजस्थान के संत व सम्प्रदाय प्रश्नोत्तरी भाग 1 : मध्यकालीन मेवात के प्रमुख संत कौन माने जाते हैं।

Abrar Khan
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मध्यकालीन मेवात के प्रमुख संत

इस लेख में हम राजस्थान के संत एवं सम्प्रदाय से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में पढ़ेंगे। अगर आप इस लेख को अच्छे से पढ़ते हैं तो आपका राजस्थान के संत व सम्प्रदाय टॉपिक से संबंधित कोई भी प्रश्न गलत नहीं होगा तो चलिए आज का यह लेख शुरू करते हैं।

  • विश्नोई सम्प्रदाय
    • स्थापना - जाम्भोजी के द्वारा
    • कब - 1485 में
    • कहां - धोंक धोरा समराथल, बीकानेर में
    • किस दिन - कार्तिक कृष्ण अष्टमी को
    • उपदेश स्थल - साथरी
    • नियम - 29
    • प्रथम अनुयायी - पुल्होजी पंवार
    • प्रथम अध्यक्ष - वील्होजी
    • आज्ञानुवर्ति सम्प्रदाय को विश्नोई सम्प्रदाय में बदला
  • रामस्नेही सम्प्रदाय
    • स्थापना - रामचरण जी ने
    • प्रधान पीठ - शाहपुरा भीलवाड़ा
    • मेला - फूलडोल मेला 
  • जसनाथी सम्प्रदाय
    • स्थापना - जसनाथ जी ने
    • 36 नियम
    • कतरियासर बीकानेर में भक्त अग्नि नृत्य करते हैं 
    • ग्रंथ - कोंडा, सिम्भुदड़ा, जलम झुमरो, जसनाथी पुराण 
  • नाथ सम्प्रदाय 
    • स्थापना - मत्स्येंद्रनाथ ने
  • संत धन्ना
    • जन्म कब - 1415 ई में वैशाख कृष्ण अष्टमी को
    • जन्म कहां पर - धुवन गांव (टोंक) में
    • राजस्थान में धार्मिक आन्दोलन के जनक
    • जाति - जाट
    • भगवान को हठात भोजन करवाया
    • पंजाब के प्रसिद्ध संत
    • राजस्थान में मारवाड़ व बीकानेर में पूजे जाते हैं
    • बनारस जाकर रामानंद के शिष्य बन गए 
  • लसाडिया आन्दोलन
    • संत मावजी ने अछूतों के उत्थान के लिए
  • निपख आन्दोलन
    • दादूदयाल ने
  • नागौर
    • तेजाजी का जन्म - खडनाल (नागौर) में
    • तेजा पशु मेला - परबतसर नागौर में
  • चूरू
    • गोगाजी का जन्म ददरेवा चूरू में
    • चूरू किले में गोला बारूद खत्म होने पर चांदी के गोले चलाए गए थे
  • झालावाड़ 
    • गागरोन दुर्ग
    • संत पीपा का जन्म
  • टोंक
    • संत पीपा की गुफा टोडारायसिहं टोंक में
  • रामस्नेही सम्प्रदाय
    • स्थापना - रामचरण जी
    • प्रधान पीठ - शाहपुरा (भीलवाड़ा) में
    • मेला - फूलडोल मेला चैत्र कृष्ण द्वितीया से पंचमी तक
  • रामस्नेही सम्प्रदाय की शाखा
    • खेडापा शाखा (जोधपुर) की स्थापना - रामदास जी ने
    • सिंहथल शाखा (बीकानेर) की स्थापना - हरिरामदास जी ने
    • रैण शाखा (नागौर) की स्थापना - संत दरियावजी ने
  • दादू सम्प्रदाय 
    • स्थापना - दादूदयाल ने
    • प्रधान पीठ - नारायण / नरैणा जयपुर में
  • वल्लभ सम्प्रदाय
    • स्थापना - वल्लभाचार्य ने
    • अन्य नाम - पुष्टीमार्ग सम्प्रदाय, रूद्र सम्प्रदाय
    • मंदिर को हवेली कहते हैं
    • संगीत को हवेली संगीत कहते हैं
  • निम्बार्क सम्प्रदाय 
    • स्थापना - निम्बार्कचार्य ने
    • राजस्थान में प्रधान पीठ - सलेमाबाद अजमेर में
    • अन्य नाम - हंस सम्प्रदाय, नारद सम्प्रदाय, सनकादि सम्प्रदाय
    • कृष्ण और राधा की युगल सरकार के रूप में पूजा
    • मंदिर को गोपालद्वारे कहते हैं
    • भक्तों को मारवाड़ में निम्बावत साध कहते है
  • लाल दास जी
    • जन्म - धौलीदुब अलवर में
    • समाधि स्थल - शेरपुर अलवर में
    • गुरु - गदन चिश्ती
    • भविष्यवाणी - दिल्ली का वही बादशाह बनेगा जो अपने भाइयों का वध करेगा
  • लाल दासी संप्रदाय
    • स्थापना - लालदासजी
    • प्रधान पीठ - नगला जहाज (भरतपुर)
    • मध्यकालीन मेवात के प्रमुख संत
  • चरणदास जी
    • जन्म - डेहरा गांव अलवर में
    • चरणदासी सम्प्रदाय चलाया
    • भविष्यवाणी - नादिर शाह के आक्रमण की
    • शिष्या - दयाबाई और सहजो बाई
  • हरिराम दास जी
    • रामस्नेही सम्प्रदाय की सिंहथल पीठ (बीकानेर) स्थापना की
  • सुन्दरदास जी
    • दादू दयाल के शिष्य
    • उपनाम - दूसरा शंकराचार्य
    • दादू पंथ की नागा शाखा के संस्थापक जिसकी प्रधान पीठ दौसा में है
  • हरिदास जी 
    • जन्म - कापडोद गांव डीडवाना
    • उपनाम - कलयुग का वाल्मीकि
    • निराला / निरंजनी सम्प्रदाय चलाया जिसकी प्रधान पीठ गाढ़ा डीडवाना में है
  • संत मावजी
    • जन्म - साबला गांव डुंगरपुर में
    • अवतार - कल्की का
    • आन्दोलन - लसाडिया आन्दोलन अछुतों के लिए
    • उपदेश चौपड़ा जिनका पूजन दीपावली पर तथा वाचनमकर संक्रांति पर
    • ग्रंथ - चुपड़ा वाणी
  • बेणेश्वर धाम
    • स्थापना - संत मावजी ने 
    • कहां पर - नवाटापरा गांव (डुंगरपुर) में
    • मेला - माघ पूर्णिमा को
  • निष्कलंक सम्प्रदाय
    • स्थापना - संत मावजी द्वारा 
    • प्रधान पीठ - साबला गांव डुंगरपुर में
    • पूत्रवधू जनक कुमारी ने सभी धर्मों के लिए मंदिर बनाया।
  • जोधपुर
    • स्थापना - 12 मई, 1459 को राव जोधा द्वारा
    • मेहरानगढ़ दुर्ग जिसकी नींव करणी माता ने रखी थी
  • अलवर 
    • लाल दास जी का जन्म - धौलीदुब गांव अलवर
    • चरणदास जी का जन्म - डेहरा गांव अलवर
  • बीकानेर
    • स्थापना - अक्षय तृतीया के दिन 1488 में राव बीका द्वारा
    • करणी माता का मंदिर - देशनोक बीकानेर में
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