- राजस्थान में 1857 की क्रांति से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
- राजस्थान में 6 सैनिक छावनिया थी
- नसीराबाद (अजमेर) में
- ब्यावर (अजमेर) में
- देवली (टोंक) में
- एरिनपुरा (पाली) में
- खेरवाड़ा (उदयपुर) में
- नीमच (मध्यप्रदेश) में
- नसीराबाद की छावनी
- अजमेर में।
- सेना - 15वी बंगाल पैदल सेना या नेटिव इन्फेंट्री
- सबसे शक्तिशाली छावनी थी।
- राजस्थान में सबसे पहले विद्रोह का प्रारंभ
- 28 मई 1857 को
- दोपहर 2:30 बजे
- न्युबरी व स्पोटिश अंग्रेज अधिकारी को मार दिया।
- नीमच की छावनी
- मध्य प्रदेश में
- अधीन - मेवाड़ के पोलिटिकल एजेंट के अधीन।
- विद्रोह
- 3 जून 1857 को रात 11 बजे।
- मोहम्मद अली बेग व हीरालाल के नेतृत्व में।
- मोहम्मद अली बेग
- अवध का सैनिक।
- नीमच छावनी में अंग्रेज अधिकारी एबोट को गोली मारी।
- रूघाराम
- डुंगला (चित्तौड़गढ़) का किसान।
- नीमच छावनी में विद्रोह के कारण कुछ अंग्रेज परिवार भाग गए जिनको रूघाराम ने शरण दी थी।
- नीमच छावनी से भागे अंग्रेजों को स्वरूप सिंह ने जग मंदिर में ठहराया था।
- नीमच में क्रांति का दमन
- मेवाड़ पोलिटिकल एजेंट सावर्स के द्वारा।
- 6 जून 1857 को वापस निम्न छावनी पर अधिकार कर लिया।
- इसमें सावर्स की सहायता कोटा के पोलिटिकल एजेंट बर्टन ने भी की।
- अर्जुन सिंह
- मेवाड़ का सेनापति।
- नीमच सैनिकों में अफवाह फैली थी कि धर्म भ्रष्ट करने के लिए आटे में हड्डियों का चूरा मिला हुआ है।
- इस आटे से बनी रोटी खाकर सैनिकों को विश्वास दिलाया।
1857 की क्रांति भाग 1: क्रांति के राजस्थान में कितनी सैनिक छावनियां थी।
By -
December 03, 2024
0
Post a Comment
0Comments