राजस्थान में 1857 की क्रांति: किस पोलिटिकल एजेंट का सिर काटकर आउवा के किले के दरवाजे पर लटका दिया था।

Abrar Khan
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राजस्थान में 1857 की क्रांति जीके

  • आउवा में 1857 का विद्रोह
    • विद्रोह का नेतृत्व - ठाकुर कुशाल सिंह चम्पावत
    • 1857 की क्रांति के समय राजस्थान में सैनिक छावनियां
      1. नसीराबाद छावनी - अजमेर
      2. ब्यावर छावनी - अजमेर
      3. देवली छावनी - टोंक
      4. एरिनपुरा छावनी - पाली
      5. खेरवाड़ा छावनी - उदयपुर
      6. नीमच छावनी - मध्यप्रदेश 
  • ठाकुर कुशाल सिंह चम्पावत और अंग्रेजों के मध्य युद्ध
    1. बिठोड़ा का युद्ध
    2. चेलावास युद्ध 
  • बिठोड़ा का युद्ध
    • जॉर्ज पैट्रिक लॉरेंस ने जोधपुर के शासक तख्त सिंह को कुशाल सिंह चंपावत के विद्रोह को दबाने के निर्देश दिए।
    • तख्त सिंह ने आउवा में अनार सिंह के नेतृत्व में सेना भेजी
    • अनार सिंह और कुशाल सिंह चम्पावत के मध्य युद्ध हुआ
    • कब - 8 सितंबर 1857 को
    • कुशाल सिंह चम्पावत की जीत हुई और अनार सिंह मारा गया
  • चेलावास युद्ध / काला गौरा युद्ध
    • कब हुआ - 18 सितंबर 1857
    • किनके मध्य - कुशाल सिंह चम्पावत और जोधपुर के पोलिटिकल एजेंट
    • मेकमोसन के मध्यमेकमोसन को मारकर इसके सिर को काटकर आउवा के किले पर लटका दिया 
  • होम्स व डीसा
    • आउवा में पालनपुर से इनके नेतृत्व में बड़ी सेना भेजी
    • 20 जनवरी 1858 को - आउवा के किले को घेर लिया
    • 23 जनवरी 1858 को - कुशाल सिंह चम्पावत आउवा के किले का कार्यभार पृथ्वी सिंह को सौंपकर कोठारिया के जोधसिंह के पास चलें गए।
    • होम्स व डीसा ने आउवा को लुटा और कुशाल सिंह चम्पावत की कुल देवी सुगाली माता की मूर्ति ले गये 
  • सुगाली माता
    • 1857 की क्रांति की कुलदेवी।
    • मूर्ति की विशेषता - 10 सिर और 54 हाथ है।
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