राजस्थान की जनजातियां जीके: गरासिया जनजाति की उत्पत्ति किस शब्द से हुई है।

Abrar Khan
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राजस्थान में गरासिया जनजाति जीके

इस लेख में हम राजस्थान की गरासिया जनजाति से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में पढ़ेंगे जो हमसे आगे आने वाली परिक्षाओं में पूछे जा सकते हैं। अगर आप इस लेख को अच्छे से पढ़ते हैं तो आपका इस टॉपिक से संबंधित कोई भी प्रश्न गलत नहीं होगा।

  • गरासिया जनजाति
    • राजस्थान की तीसरी बड़ी जनजाति।
    • वंशज - चौहानों का।
    • टॉड़ के अनुसार उत्पत्ति - गवास शब्द से।
    • गवास शब्द का अर्थ - सर्वेंट / नौकर।
  • गरासिया जनजाति का निवास स्थान
    • सिरोही (सर्वाधिक) - आबू, पिण्डवाड़ा।
    • उदयपुर - कोटड़ा, गोगुंदा।
    • पाली - बाली।
    • गरासियो का मूल स्थान - भाखरपट्टा (सिरोही)।
    • गरासियो का उत्पत्ति स्थल - चैनपारीन गांव बड़ौदा गुजरात।
  • गरासिया जनजाति दो भाग 
    • भील गरासिया - गरासिया पुरुष व भील स्त्री से उत्पन्न संतान।
    • गमेती गरासिया - गरासिया स्त्री व भील पुरुष से उत्पन्न संतान।
  • गरासिया जनजाति के समूह
    • मोटकी नियात
    • नेनकी नियात
    • निचली नियात
  • गरासिया जनजाति के प्रमुख नृत्य
    • वालर नृत्य
      • गरासिया का घूमर कहते हैं।
      • बिना वाद्य यंत्र के किया जाता है।
      • युगल नृत्य।
    • लूर नृत्य
    • कूद नृत्य
    • रायण नृत्य
    • मांदल नृत्य
    • मोरिया नृत्य 
  • विवाह के प्रकार 
    • मोर बंधिया विवाह
      • ब्रह्मा विवाह कहलाता है।
      • सात फेरे होते हैं।
    • पहरावना विवाह
      • बिना ब्राह्मण के नाम मात्र के फेरे होते हैं।
    • ताणना विवाह
      • वर पक्ष द्वारा वधू पक्ष को 12 बछड़े 12 थान कपड़ा दिया जाता है जिसे दापा कहते हैं।
      • सगाई व फेरे नहीं होते हैं।
    • खेवणा विवाह
      • महिला अन्य पुरुष के साथ भाग कर शादी कर लेती है।
    • आटा साटा विवाह
      • एक घर से लड़की दी जाती है तथा उसी घर से लड़की ली जाती है।
    • सेवा विवाह
      • लड़की का पिता लड़के को कुछ समय के लिए अपने घर पर रखता है उसके काम को देखा है और खुश होकर अपनी लड़की की शादी उसे लड़के से करता है।
    • मेलबो विवाह
      • लड़की का पिता लड़की को लड़के के घर छोड़कर आता है।
  • गरासिया की पवित्र झील
    • नक्की झील (सिरोही) - गरासियो का हरिद्वार
  • गरासिया जनजाति से संबंधित अन्य तथ्य
    • आदर्श पक्षी - मोर 
    • सफेद पक्षी के दर्शन को शुभ मानते हैं
    • हेलरु - गरासिया की सहकारी संस्था
    • गरासिया का नव वर्ष - वैशाख शुक्ल तृतीया को
    • गोदना प्रथा का प्रचलन
    • मुख्य त्योहार - होली व गणगौर
    • सर्वाधिक प्रेम विवाह तथा सर्वाधिक अंधविश्वासी
  • गरासिया जनजाति के मेले 
    • मनखारो मेला
      • कहां लगता है - सियावा सिरोही में
      • अन्य नाम - आम आदमी का मेला
      • गरासिया का सबसे बड़ा मेला
      • गणगौर पर लगता है 
    • भाखरी बावसी का मेला
    • कोटेश्वर मेला
    • अम्बाजी का मेला
    • नेवटी का मेला
  • गरासिया जनजाति से संबंधित शब्दावली
    • हारी भावरी - कृषि
    • ओसरा - बरामदा
    • हुरे या योगी - मृत व्यक्ति के ऊपर बने स्मारक
    • कादिया / मेख - मृत्युभोज
    • नातरा - झगड़ा राशि जो दूसरे पति द्वारा दी जाती है
    • घेर - घर
    • पाल / फलां - गांव
    • पटेल - गांव का मुखिया
    • सहरोल / कोतवाल - कई गांवों का मुखिया
    • मेरी - घर के सामने लकड़ी के खम्भों से बना मकान
    • मांड - मेरी के ऊपर बना अतिथि गृह
    • सोहरी - गरासियों के अनाज रखने के भंडार
    • हलमा / हाड़ा / हिड़ा - मुसीबत के समय एक दूसरे को आर्थिक सहयोग देना
    • खाटला - चारपाई
    • घेण्टी - चक्की
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